
जवान हॉट पड़ोसन की चुदाई करके उसे खुश किया मैंने! भाभी बहुत सुंदर और सेक्सी थी, मेरी मम्मी की सहेली थी. एक दिन मैं भाभी का सामान पहुंचाने उनके घर गया.
मेरा नाम आशिक़ है और मैं अभी कॉलेज में पढ़ रहा हूँ.
ये एक रियल स्टोरी है जवान हॉट पड़ोसन की चुदाई की जो मेरे पड़ोस में रहने वाली है.
वो दिखने में किसी परी से कम नहीं, 2 बच्चों की माँ होने के बाद भी वह दिखने में 30 साल की कंवारी कन्या लगती है.
उसके दूध देख कर तो किसी बूढ़े का लंड भी सलामी देने लग जाये.
भाभी की और मेरे मम्मी की बहुत बनती थी, वे जहाँ भी जाती, साथ ही जाती थी.
एक दिन वे दोनों शॉपिंग करके लौटी.
मैं उस समय घर पर ही था.
वे दोनों बहुत तक गई थी. वे दोनों पसीने से भीग चुकी थी.
पसीने में भीगी भाभी बहुत हॉट लग रही थी.
मेरा छोटा भाई बार बार उसको सलामी दे रहा था.
मम्मी ने मुझे शरबत बना लाने को कहा.
फिर मैंने उन दोनों को शरबत दिया और वे लोग शरबत पीने के बाद अपनी बातों में लग गई।
थोड़ी देर बाद भाभी ने मम्मी से कहा- आशिक़ को मेरे साथ मेरे घर भेज दो. सामान बहुत ज़्यादा है, थोड़ी हेल्प कर देगा मेरे घर तक पहुंचाने में!
मम्मी ने हाँ कर दी और मैं रेडी हो गया।
भाभी और मैं जब उनके घर पहुंचे तो उस समय घर पर कोई नहीं था.
बच्चे स्कूल गए थे और भाभी के हस्बैंड ड्यूटी पर गए थे।
भैया सुबह जल्दी ड्यूटी चले जाते हैं और शाम को लेट आते हैं.
भाभी ने मुझे कुछ देर बैठने को कहा.
और भाभी वाशरूम चली गयी.
मैं भाभी के हुस्न का दीवाना तो पहले से था, मैंने भाभी के नाम की कई बार मुठ भी मारी थी.
भाभी जब वाशरूम से बाहर आई तो किसी मॉडल से कम नहीं लग रही थी.
हम दोनों वहीं सोफे पर बैठ कर बात करने लगे.
तभी मैंने बातों बातों में कहा- भाभी, क्या क्या खरीद कर लाये हो, जरा हमें भी दिखाओ।
भाभी एक एक करके अपने सभी ड्रेस दिखाने लगी.
तभी मैंने देखा कि भाभी ने बैग में से ब्रा पैंटी का एक सेट निकाल कर अपने साइड जांघ के नीचे छुपा लिया जो मैंने देख लिया था.
भाभी ने सभी ड्रेस दिखा दी.
और जब वह सारी ड्रेस बैग में डालने लगी, तभी मैंने कहा- शायद आप कुछ दिखाना भूल गयी हो.
तभी भाभी ने हड़बड़ाते हुए कहा- क्या? सब तो दिखा दिया.
तब मैंने उनकी जांघ की तरफ इशारा करते हुए पूछा- वह क्या है?
भाभी का चेहरा शर्म से लाल हो गया.
वो हड़बड़ाते हुए बोलने लगी- अच्छा ये?
मैंने कहा- हाँ!
फिर भाभी बोलली- ये तो ऐसे ही हैं अंदर के कपड़े!
और बैग में डालने लगी.
तभी मैंने उनके हाथ को रोका और बोला- भाभी, इसका डिज़ाइन तो दिखाओ!
वो शर्माने लगी और बोलने लगी- इसमें कोई खास डिज़ाइन नहीं है!
मैं उनकी बात को काटते हुए बोला- फिर भी मुझे देखना है!
मेरे थोड़ा ज़ोर देने पर वो मान गयी.
भाभी ऐसे ही खोल कर दिखा रही थी.
तभी मैंने देखा कि उनका नम्बर 30 था.
मेरे मन में शरारत सूझी.
मैंने भाभी से कहा- भाभी, आपका साइज क्या है?
तो वे गुस्सा हो गयी और मेरी तरफ घूर कर देखने लगी.
तभी मैंने कहा- ये तो छोटी लग रही है.
भाभी बोली- नहीं, ठीक है।
मैंने अपनी बात पर ज़ोर दिया और बोला- नहीं भाभी, ये ब्रा छोटी है. चाहे शर्त लगा लो!
भाभी कंफ्यूज हो गयी कि मैं इतने भरोसे से कैसे बोल रहा हूँ.
उनको भी मेरी बात पर यकीन होने लगा.
तभी भाभी बोली- हाँ, मेरी ब्रा का साइज 32 है. लेकिन वह मुझे थोड़ी सी ढीली लगती है यही सोच कर मैंने इस बार 30 की ब्रा ली है।
तभी मैंने कहा- भाभी, एक बार ट्राय करके देख लो. नहीं तो दुकानदार बाद में वापस भी नहीं करेगा.
भाभी को थोड़ा शर्म सी आने लगी.
तभी वो उठी और बाथरूम की ओर जाने लगी.
बाथरूम में जाकर भाभी ब्रा पहन कर अपने साडी के पल्लू से ढक कर वह मेरे पास आयी.
तो उसको देख कर मेरा लंड सलामी देने लगा.
ब्रा सच में थोड़ी टाइट थी.
मैंने भाभी से कहा- फिट है या नहीं?
भाभी ने कहा- कुछ ज्यादा ही फिट है, थोड़ा टाइट हो रही है।
मैंने कहा- मैं देखता हूँ!
पीछे जाकर मैंने उसकी पीठ पर हाथ फेरा तो भाभी की सिसकिरी निकल गयी.
मैंने ब्रा की स्ट्रिप पर हाथ फेरा और ब्रा का हुक अचानक से खोल दिया.
भाभी डर गयी.
तभी मैंने कहा- सॉरी भाभी, मैं तो बस देख रहा था हुक मजबूत तो है., और वह तो खुल गया.
भाभी ऊपर से नंगी हो गयी थी.
उसने जल्दबाज़ी में ब्रा उठाई और पहनने लगी.
पर ब्रा का हुक बंद नहीं हो रहा था.
भाभी ने मुझ से हेल्प मांगी.
मैंने उनकी ब्रा का हुक लगाया और साथ में अपना लंड भी भाभी की गांड में लगा दिया था.
तभी भाभी आगे हो गयी.
फिर मैंने कहा- भाभी, आपने पैंटी का साइज एक ही लिया है या अलग?
तब भाभी बोलती- दोनों एक सेट की हैं.
तो मैंने आंख माँरते हुए कहा- भाभी, इसको भी पहन कर चेक कर लो. नहीं तो बादमें वापस करने दिक्कत होगी।
भाभी ने मेरी आँखों में हवस देख ली थी और शायद वह भी गरम हो गयी थी.
पर पहल नहीं करना चाहती थी.
तभी भाभी बोलती- मैं जाकर चेक करके आती हूँ
भाभी बाथरूम गयी और अंदर खुश होकर बोली- देवर जी, इसका साइज तो ठीक है.
मैंने इधर से कहा- भाभी पीछे से ठीक से देखो, छोटी हो सकती है.
भाभी ने कन्फर्म करके बताया- ठीक ही है.
मैंने कहा- भाभी, आप को पीछे का सही से नहीं दिख रहा होगा. बाहर आ जाओ, मैं देखता हूँ.
भाभी शर्म के मारे मना कर रही थी.
पर मेरे थोड़ा ज़ोर देने पर वो बाहर आने को तैयार हो गयी।
भाभी जैसे ही दरवाज़ा खोल कर बाहर आयी, कसम से मेरी तो पलक नहीं झपकी, एकटक मैं उनको देखता रहा.
तभी भाभी बोली- देखो, ठीक तो लग रही है.
मैंने कहा- भाभी पीछे मुड़ो!
और वो शर्माते हुए पीछे मुड़ी.
मैं उनके पीछे गया, पैंटी पर हाथ फेरा और फिर एक बार भाभी की सिसकारी निकल गयी.
तभी मैंने एक उंगली उनके चूतड़ों के अंदर पैंटी के साइड से डाल दी और भाभी हड़बड़ा गयी और बोली- ये क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- भाभी, यहाँ से टाइट लग रही है!
फिर मैं भाभी के आगे आया और नीचे बैठ कर उनकी जांघ पर हाथ फेरते हुए उनकी पैंटी के अंदर डाल दिया.
भाभी डर भी गयी और जोश में आ गयी.
उन की झांटें बड़ी बड़ी थी, वो मेरी उंगलियों में लिपटने लगी और भाभी के मुँह से सिसकारी निकलने लगी।
भाभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली- हटो, मैं जा रही हूँ चेंज करने!
वे जैसे ही मुड़ी, मैंने पीछे से पकड़ लिया.
भाभी डर गयी.
तभी मैंने अपने हाथ भाभी की पैंटी में डाल दिया और उनकी चुत में उंगली करने लगा.
भाभी छटपटाने लगी और मुझे धक्का देने लगी, मुझसे छूटने की नाकाम कोशिश करने लगी.
मैंने मौका देख कर अपने होंठ भाभी के होंठों से लगा दिए और उनको जोरदार किस करने लगा.
भाभी अभी भी मुझ से छूटने की कोशिश करने में लगी हुई थी।
किस करते करते मैंने भाभी की चुत को मसल कर पानी पानी कर दिया.
और भाभी ने खुद को मेरे हवाले कर दिया.
भाभी लड़खड़ाती हुई बोली- बस देवर जी, जो करना है कर लो और मुझे जाने दो. मेरे बच्चों का स्कूल से आने का टाइम होने वाला है.
मैं समझ गया कि भाभी की चुत में आग लगी है और वो मेरा लंड लेना चाहती है.
फिर क्या … मैंने भाभी की ब्रा और पैंटी उतार फेंकी और भाभी को बेड पर ले जाकर पटक दिया और अपने कपड़े उतार कर भाभी के ऊपर चढ़ गया।
भाभी चुदना भी चाहती थी और बच्चों के स्कूल से घर आने के कारण डर भी रही थी.
तभी मैं मौका देख कर अपना 6 इंच का लंड भाभी की चुत पर रगड़ने लगा.
भाभी मेरा लंड देख कर डर गयी और बोली- तुम्हारा ये तो बहुत बड़ा है!
और मना करने लगी।
मैंने भाभी की चुत पर थोड़ा सा थूक लगा कर लंड का ऊपरी हिस्सा भाभी की चुत में घुसा दिया.
भाभी की चीख पड़ी.
मैंने अपने होंठों से भाभी का मुँह बंद कर दिया और मौका देख कर एक और झटका मारा और पूरा लंड भाभी की चुत में घुसा दिया.
भाभी की चीख मेरे मुँह में दब कर रह गयी और भाभी की आँखों से आंसू निकलने लगे.
तभी मैं धीरे धीरे लंड भाभी की चुत में चलाने लगा और भाभी के मुँह से ‘आह आह अहो अहा हई माँ’ निकलने लगी.
भाभी को दर्द हो रहा था.
शायद उनके पति का लंड मेरे से छोटा था.
15 मिनट की चुदाई के बाद मैं पानी पानी हो गया और सारा पानी भाभी चुत में भर दिया.
भाभी इन 15 मिनट की चुदाई में 2 बार झड़ चुकी थी.
जवान हॉट पड़ोसन की चुदाई के बाद हम दोनों ऐसे ही 5 लेटे रहे.
तभी मेरा छोटा भाई फिर से टाइट होने लगा।
भाभी ने मेरा लंड खड़ा देखकर चौंक गयी.
उसको पता लग गया कि मैं फिर से उसको पेलने वाला हूँ.
तब भाभी बोली- बस अब जाओ, बच्चे स्कूल से आते ही होंगे!
और भाभी उठ कर बाथरूम चली गयी खुद को साफ़ करने!
मैंने घड़ी में टाइम देखा तो अभी भाभी के बच्चों की छुट्टी होने में 20 मिनट थे.
मैं चुपके से बाथरूम में गया.
भाभी ने कुण्डी नहीं लगाई थी.
मैंने भाभी को पीछे से दबोच लिया.
भाभी एकदम से डर गयी और बोली- तुम गए नहीं अभी तक? जाओ, मेरे बच्चे आने वाले हैं. मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हूँ।
फिर मैंने भाभी के बूब्स पर हाथ फेरते हुए बोला- भाभी अभी 15 मिनट बाकी है स्कूल की छुट्टी होने में!
भाभी डर गयी और मुझे जाने को बोलने लगी.
तभी मैंने अपना लंड भाभी के हाथ में पकड़ा दिया और बोला- भाभी, इसको शांत कर दो तो मैं जाऊं!
और भाभी ना चाहते हुए भी बोलने लगी- कर लो जो करना है और बक्श दो मुझे!
मैंने भाभी को घोड़ी बनाया और पूरा लंड भाभी की चुत में घुसा दिया.
भाभी की चीख निकल गयी और भाभी चिल्लाने लगी- धीरे धीरे … रुक जाओ. आह प्लीज … आह अहो हई … दर्द हो रहा है. धीरे आह आह!
और मैंने धके तेज़ कर दिए 10 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मैं झड़ गया और भाभी भी पानी पानी हो गयी।
भाभी के चेहरे पर हल्की मुस्कान थी.
वह बोली- आज जीवन में पहली बार चुदाई में इतना मजा आया है. लव यू. लेकिन अब तुम जाओ यहाँ से, मेरे बच्चे आते ही होंगे.
मैंने भाभी के होंठों पर एक किस की और उनके घर से कपड़े पहन कर निकल गया.
अब जब भी मौका मिलता है, भाभी खुद मुझे चुदाई करवाने के लिए बुला लेती है.
जवान हॉट पड़ोसन की चुदाई कहानी आपको कैसी लगी?